“उत्तान मंडूकासन”
(ऊपर की ओर खिंचकर मेढक आसन)
देहरादून – उत्तान का अर्थ है सीधा और मंडुका का अर्थ है मेंढक,उत्तान मंडूकासन की अंतिम स्थिति एक सीधे मेंढक जैसी दिखती है, इसलिए इसे यह नाम दिया गया हैं।
दण्डासन इस आसन को करने की विधि वज्रासन में बैठें दोनों घुटनों को चौड़ा फैला लें और पैर की उंगलियां एक-दूसरे को छू ले।
फिर अपना दाहिना हाथ उठाएं, इसे कोहनी से मोड़ें और बाएं कंधे के ऊपर पीछे की ओर ले जाएं और हथेली को बाएं कंधे के ब्लेड पर रखें।अब बाएं हाथ को इसी तरह मोड़ें और हथेली को दाएं कंधे के ब्लेड पर रखें।
कुछ देर तक इसी स्थिति में रहें, फिर धीरे-धीरे उल्टे क्रम में वापस आ जाएं।
विश्रामासन में आराम करें।
इस आसन को करने के फ़ायदे यह है इस आसन से पीठ और गर्दन के दर्द विशेषकर सर्वाइकल स्पोडोल्योसिस में सहायक है।
यह डायाफ्रामिक गतिविधियों को बेहतर बनाने में मदद करता है और फेफड़ों की क्षमता में भी सुधार करता है।
इस आसन को करने से पहले यह चेतावनी पढ़ें घुटनों के जोड़ों में गंभीर दर्द वाले व्यक्ति को इसे नहीं करना चाहिए।