
आयुर्वेदिक दिनचर्या का जीवन में महत्व
आयुर्वेदिक दिनचर्या में सबसे पहले ब्रह्म मुहुर्त उठना यानि सूर्योदय से डेड़ घन्टे पूर्व अर्थात (4:00-5:30 पूर्वाहन) यह वह समय है जब दिमाग शांत एवं सम्पूर्ण वातावरण प्रदूषण रहित रहता है। मलोत्सर्ग (प्राकृतिक परिचर्या करना ) मल मूत्र इत्यादि के वेग को कभी नहीं रोकना चाहिए और न ही बलपूर्वक वेग करना चाहिए। वेगों को…