Oppose:- यूसीसी के लिव-इन-रिलेशन प्रावधान का पुरजोर विरोध करती है

देहरादून – कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने उत्तराखण्ड सरकार द्वारा लागू यूनिफॉर्म सिविल कोड (यू.सी.सी.) में लिव-इन-रिलेशन के लिए किये गये प्रावधानों पर सवाल उठाते हुए इसे उत्तराखण्ड राज्य की गरिमा तथा संस्कृति के खिलाफ बताया।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी यूसीसी के लिव-इन-रिलेशन प्रावधान का पुरजोर विरोध करती है तथा इसके खिलाफ  20 फरवरी को विधानसभा का घेराव करते हुए सरकार को चेताने का काम करेगी।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इसके खिलाफ राज्यव्यापी आन्दोलन के माध्यम से आम जनता की राय एकत्र करेगी। उन्होंने यह भी जानकारी देते हुए।

कहा कि कांग्रेस पार्टी ने एक फार्म का प्रारूप तैयार कर इस प्रावधानों पर जनता को जागरूक करते हुए उनकी राय मांगी जायेगी तथा उसे ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा जायेगा।

कांग्रेस पार्टी ने इसके लिए दो माह का समय निर्धारित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि आम जनता इस प्रावधान पर ऑनलाइन के माध्यम से अपनी राय साझा कर सकती है।

ये भी पढ़ें:   Holiday:- पर्वतीय होली के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित

जिसके लिए कांग्रेस संगठन ने एक लिंक ¼https://bit.ly/4hF3mUR½ भी जारी किया गया है।
श्री करन माहरा ने कहा कि यूसीसी के माध्यम से बाहरी लोगों को एक साल के रहवास पर उत्तराखण्ड राज्य का निवासी बनाने का षड्यंत्र है तथा समाज में व्यभिचार फैलाने का प्रयास है।

उन्होंने कहा कि मैंने पूर्व में भी अनुच्छेद 44 पर सवाल उठाये थे भाजपा के किसी भी प्रवक्ता ने न तो अनुच्छेद 44 तथा लिव इन रिलेशनशिप विशेषकर भाग तीन पर अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।

यूसीसी जो पार्टी अपने को धर्म का रक्षक होने का दाव करती है उस भाजपा के दोहरे चरित्र को उजागर करती है। इसमें जिस प्रकार की धारायें हैं कांग्रेस पार्टी उसका विरोध करती है।

तथा महिला कांग्रेस सहित पार्टी के मुख्य संगठन सहित सभी अनुषांगिक संगठन, विभाग, प्रकोष्ठ के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता 20 फरवरी को विरोध स्वरूप विधानसभा घेराव करेंगे।
प्रदेश महिला अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने कहा कि सबसे अधिक महिलाओं को प्रभावित करने वाले लिव इन रिलेशन के प्रावधान का विरोध करते हुए महिला कांग्रेस कार्यकर्ता 20 फरवरी को भारी संख्या में विधानसभा की ओर कूच कर अपना विरोध दर्ज करेंगे।
इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता विरेन्द्र सिंह खुराना ने कहा कि यूसीसी उत्तराखंड की प्राथमिकता नहीं। बुनियादी सवालों से मुंह फेरने की कोशिश है यह कानून।

ये भी पढ़ें:   Precautions :- नुकसानदायक है केमिकल रंगों का उपयोग रंग से खेलते वक्त बरतें सावधानियां

उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां कई धर्मों और संस्कृतियों को मानने वाले लोग रहते हैं, इसलिए यूसीसी समाज के प्रत्येक वर्ग को प्रभावित करेगा। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा लागू किये गये।

यूसीसी की 378 से 389 तक की धारायें जो लिव इन रिलेशन से सम्बन्धित हैं तथा उनसे उत्तराखण्ड की संस्कृति को खतरा है उससे अवगत कराया।

प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि ने कहा कि उत्तराखंड को इस अनावश्यक प्रक्रिया में झोंक कर सत्तारूढ़ भाजपा बुनियादी सवालों से ध्यान भटका रही है। प्रदेश में स्वास्थ्य, शिक्षा, बरोजगारी, तथा जनता की बुनियादी सुविधाओं की समस्यायें मुंह बायें खडी है।

ये भी पढ़ें:   Harmony:- होली समाज में समरसता का भाव पैदा करने वाला त्यौहार - रेखा आर्या

परन्तु भाजपा सरकार यूसीसी के नाम पर राजनीति की रोटियां सेंक रही है।प्रदेश प्रवक्ता सुजाता पॉल ने कहा कि महिलाओं के बलिदान से बने राज्य में भाजपा द्वारा लागू यूसीसी महिलाओं का उत्पीड़न करने का एक जरिया बनेगा।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी धर्म आधारित राजनीति करने के लिए आज पूरे राज्यवासियों विशेषकर महिलाओं को अपनी धार्मिक राजनीति की भेंट चढ़ाने का काम कर रही है।

पत्रकार वार्ता में प्रदेश महामंत्री विरेन्द्र पोखरियाल, नवीन जोशी, महानगर अध्यक्ष डॉ0 जसविन्दर सिंह गोगी, सोशल मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह, प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट, नजमा खान आदि उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *