सख़्त नकल विरोधी कानून और समान नागरिक संहिता को मुख्यमंत्री धामी ने बताया युगान्तकारी निर्णय
देहरादून – उत्तराखंड विधानसभा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का संबोधन न केवल सरकार की नीतियों और उपलब्धियों का एक सार्थक परिचय था बल्कि यह विपक्ष के भ्रष्टाचार और विफलताओं पर एक सटीक प्रहार भी साबित हुआ।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में राज्य की प्रगति और भविष्य के लिए तय किए गए लक्ष्यों का स्पष्ट खाका प्रस्तुत किया, वहीं कांग्रेस की पिछली सरकारों की असफलताओं और भ्रष्टाचार के काले अध्याय को सदन के समक्ष बेनकाब किया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण के रजत जयंती वर्ष में बजट का आकार एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। यह दर्शाता है कि राज्य आर्थिक रूप से सशक्त हो रहा है और विकास के नए आयाम गढ़ रहा है।
पिछले बजट की तुलना में इस वर्ष के बजट में 13% की वृद्धि हुई है, जो उत्तराखंड के समावेशी और सतत विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने बजट को “नमो” (नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखंड, महान विरासत और ओजस्वी मानव संसाधन) की थीम पर आधारित बताया। साथ ही, उन्होंने “ज्ञान” (गरीब कल्याण, युवा, अन्नदाता एवं नारी कल्याण) के सिद्धांतों को भी इस बजट का मूल आधार बताया।
सरकार की यह पहल राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास के नए मार्ग प्रशस्त करने में सहायक होगी।
मुख्यमंत्री धामी का भाषण विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस, के भ्रष्टाचार के काले इतिहास को उजागर करने वाला भी था। उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में हर पद की बोली लगती थी।
और नकल माफिया को खुला संरक्षण दिया गया था। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि कांग्रेस ने नकल के काले खेल को बढ़ावा दिया और युवा पीढ़ी के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया।
धामी सरकार ने इस कुप्रथा पर अंकुश लगाने के लिए सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया, जिससे युवाओं का विश्वास बहाल हुआ है। इसके अलावा, समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर सरकार का ऐतिहासिक निर्णय राज्य में समानता और न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने कांग्रेस की स्वार्थपूर्ण राजनीति को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह दल हमेशा समाज को बांटने की नीति पर काम करता रहा है, जबकि भाजपा सरकार सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र को अपनाकर समाज को एकजुट करने का कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस, पर उत्तराखंड में हुए विभिन्न घोटालों को लेकर जमकर हमला बोला। उन्होंने केदारघाटी आपदा घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला, दरोगा भर्ती घोटाला, शराब घोटाला, एनएच-74 भूमि घोटाला, विधायकों की खरीद-फरोख्त का स्टिंग ऑपरेशन,
विधानसभा भर्ती घोटाला, बीडीओ भर्ती घोटाला और सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार जैसे मामलों को गिनाते हुए विपक्ष की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में भ्रष्टाचार चरम पर था और हर स्तर पर घोटाले होते रहे, लेकिन भाजपा सरकार में पारदर्शिता और सुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।
अपने भाषण में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धियों को गिनाते हुए यह स्पष्ट किया कि उत्तराखंड निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है।
उन्होंने सख्त नकल विरोधी कानून को ऐतिहासिक उपलब्धि बताया, जिससे युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। धामी सरकार ने आजादी के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बनने का गौरव प्राप्त किया, जो सामाजिक समरसता और न्याय को सुनिश्चित करता है।
प्रदेश में 38वें राष्ट्रीय खेलों का ऐतिहासिक आयोजन एक महत्वपूर्ण उपलब्धि रही, जिसमें उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 103 पदक जीतकर राज्य का गौरव बढ़ाया।
इसके साथ ही, SDG इंडेक्स की रिपोर्ट में उत्तराखंड ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया, जो राज्य में सतत विकास की दिशा में किए गए प्रयासों की सफलता को दर्शाता है।
राज्य में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत संचालित एकल खिड़की को देश में शीर्ष उपलब्धियां श्रेणी का पुरस्कार प्राप्त हुआ, जिससे यह साबित हुआ कि उत्तराखंड निवेश और उद्योगों के लिए एक आदर्श गंतव्य बन रहा है।
सरकार ने भर्ती परीक्षाओं के अपने वादे को पूरा करने के करीब पहुंचते हुए 20,000 से अधिक भर्तियां की हैं, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं। यह सरकार की पारदर्शिता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि उसने अपने वादों को जमीन पर उतारने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि सरकार राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि यह बजट ईकोलॉजी, इकोनॉमी, इनोवेशन,
इन्क्लूसिव और सस्टेनेबल डेवेलपमेंट के सिद्धांतों पर आधारित है। यह बजट टेक्नोलॉजी और एकाउंटेबिलिटी को प्राथमिकता देता है, जिससे उत्तराखंड डिजिटल और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेगा।
सदन में दिए गए इस प्रभावशाली भाषण के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह साबित कर दिया कि वे न केवल एक दूरदर्शी नेता हैं, बल्कि एक मजबूत और दृढ़ इच्छाशक्ति वाले प्रशासक भी हैं।
उन्होंने अपनी सरकार की नीतियों को न केवल मजबूती से प्रस्तुत किया, बल्कि विपक्ष के हमलों का भी सटीक और तथ्यात्मक जवाब दिया।
मुख्यमंत्री धामी का यह भाषण उत्तराखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जाएगा। उन्होंने न केवल अपने नेतृत्व की सक्षमता को सिद्ध किया बल्कि विपक्ष के भ्रष्टाचार को उजागर कर जनता के समक्ष एक साफ और मजबूत सरकार की छवि प्रस्तुत की।
उत्तराखंड के नागरिकों के लिए यह बजट और सरकार की नीति निश्चित रूप से विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।