उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद स्थित सोनप्रयाग क्षेत्र में गौरीकुंड शटल पार्किंग और मनकुटिया मंदिर के मध्य भूस्खलन की गंभीर सूचना मिलते ही 15वीं वाहिनी एन डी आर एफ की तैनात टीम ने त्वरित और साहसिक बचाव अभियान चलाया।
घटनास्थल पर स्थिति का जायजा लेते ही यह स्पष्ट हो गया कि बड़ी संख्या में तीर्थयात्री मलबे के कारण फंसे हुए हैं।
सहायक कमांडेंट करमवीर सिंह के पर्यवेक्षण और निरीक्षक अमृत लाल मीणा के नेतृत्व में 29 बचावकर्मियों कीएन डी आर एफ टीम ने जोखिमपूर्ण भू-भाग और लगातार गिरते मलबे के बीच बचाव कार्य आरंभ किया।
टीम ने रस्सियों और वैकल्पिक मार्गों की सहायता से यात्रियों को एक-एक कर सुरक्षित निकाला।
30 जुलाई को लगभग 9 घंटे तक बचाव कार्य के उपरांत अंधकार और पुनः भूस्खलन की आशंका के चलते रात्रिकालीन ऑपरेशन को स्थगित किया गया।
अगले दिन 31 जुलाई को प्रातः 7:00 बजे ऑपरेशन पुनः प्रारंभ किया गया, और अब तक कुल 2822 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला जा चुका है,
जिनमें 2,194 पुरुष,513 महिलाएं, तथा115 बच्चे शामिल हैं।
इस समर्पित अभियान की निगरानी कमाण्डेंट सुदेश कुमार स्वयं कर रहे हैं। बचाव अभियान अब भी जारी है।
भूस्खलन की इस आपदा में एन डी आर एफ की मुस्तैदी ने न केवल एक बड़ी जनहानि को टाल दिया, बल्कि संकट में फंसे लोगों के बीच आशा और विश्वास का संचार भी किया।
कई तीर्थयात्रियों ने टीम के साहस और समर्पण की सराहना करते हुए आभार प्रकट किया।
एन डी आर एफ द्वारा किया गया यह विशिष्ट कार्य बल की मूल भावना – “जीवन रक्षा और उससे आगे” – का सशक्त प्रतीक है।