मुमताज पत्नी स्वर्गीय रऊफ निवासी मोहल्ला मलखान वास किरतपुर बिजनौर उत्तर प्रदेश ने थाना बसंत विहार पर एक प्रार्थना पत्र दिया कि उनकी बेटी फराह की शादी सलीम पुत्र जरीफ से हुई थी।
शादी के बाद से ही बेटी के ससुराल वाले उसको दहेज के लिए परेशान और प्रताड़ित करते रहते थे तथा उसका पति उसको कोई खर्चा भी नहीं देता था।
जिस पर 18 सितंबर 24 को उनकी पुत्री फराह को उसके ससुराल पक्ष द्वारा परेशान एवं प्रताड़ित कर फराह को जहर देकर मारने तथा ससुराल पक्ष ने गुमराह कर उनकी पुत्री को बिना पोस्टमार्टम कराए मुस्लिम रीति रिवाज से दफनाने के संबंध दिया।
जिस पर 23 सितंबर 24 को थाना हाजा पर तत्काल अंतर्गत धारा 103 (1) /238 BNS बनाम जरीफ आदि पंजीकृत किया गया।
दौराने विवेचना पर मृतका फराह के शव को जिलाधिकारी देहरादून के आदेशानुसार कब्र से FSL टीम की सहायता से मौके पर वीडियोग्राफी फोटोग्राफी कर शव को निकालकर डॉक्टर के पैनल द्वारा पोस्टमार्टम कराया गया।
एवं शव को पुनः मुस्लिम रीति रिवाज से दफनाकर अंतिम संस्कार किया गया। पोस्टमार्टम / विधि विज्ञान प्रयोगशाला रिपोर्ट एवं ससुराल पक्ष के आसपास रहने वाले लोगों के बयान लिए गए ।
बयानों के आधार पर धारा 103(1)/ 238 BNS के साक्ष्य ना मिलने के कारण लोप किया गया एवं धारा 108 बीएनएस के पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर बढ़ाई गई।
मुकदमा में अभियुक्त सलीम के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य होने पर 11 जून 25 उसे गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में अभियुक्त द्वारा बताया गया कि उसके ऊपर लगभग 5 से 6 लाख का कर्ज था।
जिस कारण वह सऊदी अरब नौकरी करने गया था किंतु उसकी बीवी फराह उसे घर वापस बुलाना चाह रही थी लेकिन वह बार-बार कह रहा था कि पहले मैं सारा कर्ज चुकाऊंगा।
और फिर कुछ अपने छोटे-मोटे बिजनेस के लिए पैसे इकट्ठे करुंगा उसके बाद ही घर वापस आऊंगा । किंतु फराह इसी बात पर आए दिन फोन पर बहस करती रहती थी।
18-09-24 को भी इसी बात पर दोनों की बहस हुई तो उस दिन फराह खटमल मारने की दवाई लाई हुई थी, जब फराह ने गुस्से में कहा कि मैं जहर खा लूंगी तो सलीम ने भी आवेश में कह दिया।
की खा लो किंतु सलीम पुत्र जरीफ निवासी कांवली गांव मनिहार मोहल्ला बसंत विहार देहरादून उम्र 35 वर्ष को यकीन नहीं था।
कि फराह सच में जहर खा लेगी और फराह ने गुस्से आकर खटमल मारने की दवाई खा ली जिस कारण फराह की मृत्यु हो गई।