
प्राणायाम ध्यान से आपका का मन शांत रहेगा
देहरादून – अपनी परम्परा, संस्कृति व ज्ञान को हम अज्ञानवश आत्मगौरव के रूप में न देखकर आत्मग्लानि से भर गये। ‘चक्र’ पढ़कर चक्कर में पड़ गये, परन्तु ‘ प्रणाली’ शब्द को पढ़ कर हम अपने आप को व्यवस्थित कहने लग गये जबकि प्राचीन ज्ञान व अर्वाचीन ज्ञान का तात्पर्य एक ही था- सत्य का बोधा…