Consolidation:- पर्वतीय जिलों में कृषि भूमि की चकबंदी अत्यंत आवश्यकता -सांसद रावत

नई दिल्ली – सांसद हरिद्वार और पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने संसद में उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में कृषि भूमि की चकबंदी की अत्यंत आवश्यकता की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया।

उन्होंने कहा की वर्तमान में इन क्षेत्रों में खेतीहर भूमि छोटे-छोटे टुकड़ों में बंटी हुई है, जिससे किसान आधुनिक तकनीकों का उपयोग नहीं कर पाते और उत्पादन क्षमता प्रभावित होती है।

सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि ऐसी स्थिति में किसानों के लिए कृषि लोन लेना और चुकाना कठिन हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप वे आजीविका की तलाश में पलायन करने को मजबूर होते हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का यह सीमावर्ती क्षेत्र सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि यहां से निरंतर पलायन होता रहा, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा और सीमाई स्थिरता के लिए गंभीर चिंता का विषय बन सकता है।

ये भी पढ़ें:   Injured:- उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे पर बस हादसा, 8-10 तीर्थयात्री घायल

इसलिए, पर्वतीय जिलों में कृषि भूमि की चकबंदी को प्राथमिकता देते हुए इसे प्रभावी रूप से लागू किया जाना चाहिए।

सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि इस दिशा में ठोस नीतियां बनाई जाएं और एक विशेष योजना के तहत चकबंदी की प्रक्रिया को अमल में लाया जाए,

ताकि किसान अपनी जमीन का समुचित उपयोग कर सकें, आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाएं और आर्थिक रूप से सशक्त बनें।

उन्होंने कहा कि इससे न केवल कृषि को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पलायन की समस्या भी रुकेगी और सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *