देहरादून– उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक-2024 को राजभवन ने मंजूरी दे दी है अब सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले दंगाइयों पर कसेगा शिकंजा अभी तक धरना प्रदर्शनों में उग्र प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारी सरकारी संपत्ति के साथ ही निजी संपत्ति को पहुंचा देते थे।
इसी के मध्य नजर ये सरकार ने इस विधेयक को गैरसैंण में हुए मानसून सत्र के दौरान 23 अगस्त को पास करवाया। विधायी विभाग से औपचारिक नोटिफिकेशन के बाद यह कानून का रूप ले लेगा। इसके साथ ही राज्य्पाल रि लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने विधायकों के वेतन-भत्ते बढ़ाने से जुड़े उत्तराखंड राज्य विधानसभा विविध संशोधन विधेयक 2024 को भी स्वीकृति दे दी।
वहीं राज्य के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में उपद्रव फैलाने और सरकारी-निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर कड़ी कार्रवाई को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त कानून बनाने की घोषणा की थी। जिसे राजभवन ने भी मंजूरी दे दी है
वही उत्तराखंड के विधानसभा के सदस्यों व पूर्व सदस्यों के वेतन-भत्तों व पेंशन में बढ़ोतरी का रास्ता भी अब साफ हो गया है। राजभवन ने उत्तराखंड राज्य विधानसभा विविध संशोधन विधेयक 2024 को भी स्वीकृति दे दी।
राज्य के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा की समिति की रिपोर्ट के आधार पर विधायकों के वेतन भत्ते में बढ़ोतरी का निर्णय लिया गया था. इससे पहले विधायकों के वेतन व पूर्व विधायकों की पेंशन में वर्ष 2018 में वृद्धि की गई थी।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि यह समय वेतन बढ़ोतरी के लिए अनुकूल नहीं और कुल मिलाकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नाम एक ओर बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है।
जिसमें समान नागरिक संहिता, नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण कानून, लैंड जिहाद जैसे ऐतिहासिक निर्णय के बाद अब दंगा रोधी कानून को लागू करना मुख्यमंत्री की एक बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी।
लेकिन विधायकों के वेतन भत्ते बढ़ाकर प्रदेश में आर्थिक बोझ बढ़ाना भी मुख्यमंत्री के खाते में जुड़ गया है। देखना होगा इन सख्त कानूनों का क्या सकारात्मक असर देखने को मिलता है।