देहरादून – भारतीय सेना के शौर्य, पराक्रम और अदम्य साहस को सम्मान देने के लिए देहरादून में बुधवार को शौर्य तिरंगा सम्मान यात्रा का आयोजन किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट,मेयर सौरभ थपलियाल, विधायक और मंत्रियों के साथ में यह यात्रा शौर्य स्थल चीड़ बाग से प्रारंभ होकर शहीद स्मारक गांधी पार्क तक पहुंची। इसमें सैनिक, पूर्व सैनिक, युवा, छात्र और स्थानीय नागरिक इस यात्रा में शामिल हुए, जिसने देशभक्ति और एकता का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया।
तिरंगे झंडों और जोशीले नारों से सजा यह आयोजन शहीदों के प्रति कृतज्ञता और सैनिकों के बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक सशक्त माध्यम बना।
यात्रा की शुरुआत से पहले मुख्यमंत्री धामी ने शौर्य स्थल पर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “भारतीय सेना हमारी आन, बान और शान का प्रतीक है। हमारे सैनिकों ने देश की रक्षा के लिए हर कठिन परिस्थिति में अपने प्राण न्योछावर किए हैं।
यह शौर्य तिरंगा यात्रा उनके सम्मान में उत्तराखंड की देशभक्ति की भावना को दर्शाती है।” उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड, जिसे ‘सैन्य धाम’ के रूप में जाना जाता है, सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति हमेशा समर्पित रहा है।
यात्रा के दौरान देहरादून की सड़कें ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम’ और ‘जय हिंद’ जैसे नारों से गूंज उठीं। तिरंगे झंडों से सजे प्रतिभागियों का उत्साह देखते ही बनता था।
स्कूली बच्चों ने सैनिकों के सम्मान में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जबकि एनसीसी कैडेट्स और सैन्य बैंड ने यात्रा को और भव्यता प्रदान की। मार्ग में स्थानीय लोगों ने पुष्पवर्षा कर यात्रा का स्वागत किया, जिससे माहौल और भावनात्मक हो गया।
शहीद स्मारक गांधी पार्क पहुंचने पर एक विशेष समारोह आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार ने सैनिक कल्याण के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, जिनमें पूर्व सैनिकों के लिए रोजगार के अवसर, शहीदों के परिवारों को आर्थिक सहायता और सैनिक बच्चों की शिक्षा के लिए विशेष प्रावधान शामिल हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सैनिकों का सम्मान उत्तराखंड की संस्कृति का अभिन्न अंग है। इस यात्रा में विभिन्न संगठनों, सामाजिक संस्थाओं और स्थानीय नेताओं ने भी हिस्सा लिया।
यह आयोजन न केवल सैनिकों के प्रति सम्मान का प्रतीक बना, बल्कि युवाओं में देशभक्ति की भावना को प्रेरित करने में भी सफल रहा। शौर्य तिरंगा यात्रा ने यह संदेश दिया कि भारतीय सेना का हर बलिदान देशवासियों के दिलों में अमर है।