देहरादून – अर्ध हलासन अर्ध का अर्थ है आधा और ‘हला’ का अर्थ है हल। इसीलिए इस आसन को अर्ध हलासन के नाम से जाना जाता है क्योंकि इसकी अंतिम स्थिति में शरीर का आधा आकार भारतीय हल जैसा दिखता है।
इस आसन को करने के तकनीक
पीठ के बल लेट जाएं, हाथों को शरीर के पास रखें और हथेलियां ज़मीन पर टिका दें।
श्वास लें, घुटनों को मोड़े बिना धीरे-धीरे अपने पैरों को एक साथ उठाएं और लाएं उन्हें जमीन से 90° के कोण पर रखें।कूल्हों से लेकर कंधे तक शरीर को सीधा रखना चाहिए।
सामान्य श्वास के साथ इस स्थिति को 10-30 सेकंड तक आराम से बनाए रखें।सांस छोड़ें, सिर को ऊपर उठाए बिना धीरे-धीरे पैरों को जमीन पर लाएं। शवासन में आराम करें।
इस आसन को करने के ये है फ़ायदे
यह आसन अजीर्ण और कब्ज के लिए लाभकारी है।इस आसन का अभ्यास मधुमेह और बवासीर के मामलों में उपयोगी है।
यह उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है लेकिन इसका अभ्यास देखरेख में करना आवश्यक है।
इस आसन को करने से पहले यह चेतावनी देखें
जिन लोगों को लुंबोसैक्रल (पीठ के निचले हिस्से) में दर्द है, उन्हें दोनों पैरों को एक साथ नहीं करना चाहिए।पेट में चोट, हर्निया आदि की स्थिति में इस अभ्यास से बचें।