“मकरासन” (मगरमच्छ मुद्रा)
देहरादून – आज हम जानेंगे योग अभ्यास में एक नए आसान को जो करने में बहुत आसान सा है मगर उसके फायदे बहुत अधिक हैं जिसे हम संस्कृत में मकर का अर्थ मगरमच्छ होता है। इस आसन में शरीर मगरमच्छ जैसा दिखता है, इसलिए इसे यह नाम दिया गया है।
इस आसन को करने की स्थिति: प्रवण विश्राम आसन आ जायें और पैरों को फैलाकर पेट के बल लेटें, पैर की उंगलियां बाहर की ओर हों।
दोनों हाथों को मोड़ें और दाहिनी हथेली को बाईं हथेली पर रखें।सिर को अपने हाथों पर बाएँ या दाएँ रखें।आंखें बंद रखें और पूरे शरीर को आराम दें। यह मकरासन है.
इस आसन का अभ्यास सभी झुकी हुई मुद्राओं में विश्राम के लिए किया जाता है।
इस आसन को करने से यह फ़ायदे होते है पूरे शरीर के आराम को बढ़ावा देता है।पीठ की समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है।हृदय पुनर्वास में लाभ.तनाव और चिंता का मुकाबला करने के लिए संकेत दिया गया।
लेकिन इस आसन को करने की चेतावनी भी है जो इस प्रकार से है गर्भावस्था और जमे हुए कंधों के मामले में इस अभ्यास से बचें।