इलायची और हल्दी के गुंणों को जानें

देहरादून – वैसे तो इलायची हर घर की रसोई में मिल जाती है इसका इस्तेमाल जहां हम  खाने में करते हैं वहीं इसका औषधियां गुंण भी है। खाने के बाद एक से दो इलाइची को चबाना चाहिए। (एक दिन में चार से अधिक नहीं)

उल्टी या कै होने पर 250 से 500 मि.ग्रा. सूखे बीज का पाउडर घी में मिलाकर शहद के साथ दिन में 3 बार ।

श्वास में दुर्गंध आने पर 1-2 बीजों को धीरे-धीरे चबाना चाहिए। (एक दिन में चार से अधिक नहीं)

उल्टी और दस्त में 2 ग्राम इलायची भूनकर पीस लें एवं शहद के साथ एक दिन में चार पाँच बार लें।

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सर्दी में 3 ग्राम धनिया, 2 ग्राम मेथी बीज, थोड़ा सा हल्दी पाउडर से 20 मि.ली. क्वाथ निर्मित करें-2 से 3 बार दिन में लेना चाहिए।

कफ रोग (खाँसी) चौथाई चम्मच इलायची पाउडर, एक चम्मच शहद के साथ 3 से 4 बार दिन में लें। इलायची को चबाते रहना (एक दिन में 3 से अधिक नहीं) कफ निरोधक होता है।

हल्दी जितनी हमारी रसोई में अहमियत रखती है और हर प्रकार के व्यंजन बनाने के लिए जिस प्रकार से हम हल्दी का इस्तेमाल करते हैं। उसी प्रकार से रोगों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।

मधुमेह होने पर इसका 10 मि.ली. ताजा रस, 10 मि. ली. आंवला रस के साथ दिन में दो बार लें।

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मुंहासे होने पर प्रभावित जगह पर इसका लेप दिन में दो बार। जल या दूध के साथ हल्दी का प्रयोग या इसके क्रीम का चेहरे पर नियमित लेप त्वचा को निखारता है।

सर्दी प्राव/अल्सर होने पर इसका 2 ग्राम पाउडर गुन-गुने दूध एवं मिश्री के साथ दिन में दो बार लें। हल्दी के काढ़े से घाव साफ किया जाए तथा हल्दी का लेप किया जाए। घी/नारियल तेल के साथ लेप बनाकर प्रभावित स्थान कर लगाऐं।

त्वचा की एलर्जी होने पर 1-3 ग्राम पाउडर गुड़ के साथ दिन में दो बार लें।

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