शशकासन को करने के यह है फ़ायदे

 

“शशकासन यानि खरगोश की मुद्रा”


देहरादून – आज हम आज हम योग अभ्यास में शशांक आसान करेंगे। शशांक का अर्थ है खरगोश। इस मुद्रा में शरीर खरगोश जैसा दिखता है, इसलिए इसे यह नाम दिया गया है।

शशकासन को करने की स्थिति: आप अपने पैरों को मोड़कर वज्रासन की स्थिति में और आगे की तरफ आगे की तरफ हाथ खोलकर झुक जाए यह  दंडासन  की स्थिति होती है ।

शशकासन को करने की तकनीक दोनों घुटनों को फैलाकर रखें, बड़े पैर के अंगूठे आपस में सटे रहें हथेलियों को घुटनों के बीच रखें।श्वास लें और अपनी भुजाएँ ऊपर उठाएँ।

सांस छोड़ें और बाहों को फैलाकर आगे की ओर झुकें।आगे की ओर झुकें और ठोड़ी को ज़मीन पर रखें व भुजाओं को समानांतर रखते हुए सामने देखें और मुद्रा बनाए रखें. इस आसन को करते हुए आप कपालभाति भी करें तो इसका और भी अत्यधिक लाभ मिलेगा।

अब श्वास लें और ऊपर आएँ और सांस छोड़ें, हाथ नीचे करें और वज्रासन में वापस आ जाएं।दंडासन में आएं और विश्रामासन में आराम करें।

शशकासन को करने के फ़ायदे यह है यह तनाव और चिंता आदि को कम करने में मदद करता है।यह प्रजनन अंगों को स्वस्थ बनाता है, कब्ज से राहत देता है, पाचन में सुधार करता है और पीठ दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है।

चेतावनी इस आसन को कृपया यह लोग ना करें जिन्हें यह परेशानी है तीव्र पीठ दर्द की स्थिति में कृपया इस आसन से बचें।घुटनों के ऑस्टियोआर्थराइटिस के मरीजों को वज्रासन नहीं करना चाहिए।

 

 

 

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