Lecture :- स्टार्टअप बूट कैंप में छात्रों को पारंपरिक कृषि से आगे सोचने और कृषि-उद्यमिता को अपनाएं – शाह

देहरादून :- श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज एवम विश्वविद्यालय के ईंक्यूबेशन सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), नई दिल्ली के सहयोग से ‘पूसा कृषि फ्लैगशिप ग्रांट-इन-एड इनक्यूबेशन स्टार्टअप बूट कैंप 2025’ का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य नए कृषि उद्यमियों में नवाचार और कृषि-उद्यमिता को प्रोत्साहित करना था।स्कूल ऑफ़ एग्रीकल्चर साइंसेज और इनक्यूबेशन सैंटर एस जी आर आर यू द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की सफलता के लिए श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज ने शुभकामनाएं प्रेषित की।

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर डॉ. कुमुद सकलानी ने कहा कि इस प्रकार कार्यकमों से प्रतिभागी छात्रों को व्यक्तिगत मेंटरशिप, प्रतिक्रिया, और अपने विचारों को अनुभवी उद्योग विशेषज्ञों के समक्ष प्रस्तुत करने का अवसर मिलता है।

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इसका मुख्य उद्देश्य नवोदित उद्यमियों को सशक्त व्यावसायिक योजनाएं तैयार करने, उनकी वित्तीय आवश्यकताओं को पहचानने, और बाज़ार में अपने उत्पाद या सेवाएं प्रस्तुत करने से पहले संभावित चुनौतियों का समाधान ढूंढने में मार्गदर्शन देना है।

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के पथरी बाग कैंपस के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में बूट कैंप में पूसा कृषि, आईएआरआई के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने शिरकत की, जिनमें विपुल शाह (प्रबंधक, विपणन एवं संचार), किरण आर.एस. (प्रबंधक, इनक्यूबेशन),

और ऋतिक वर्मा (बिजनेस एक्जीक्यूटिव) ने कृषि स्टार्टअप्स, नवाचार इनक्यूबेशन, वित्तीय संसाधनों और व्यावहारिक केस स्टडीज़ पर जानकारी पूर्ण सत्र लिए, जिससे छात्रों को पारंपरिक कृषि से आगे सोचने और कृषि-उद्यमिता अपनाने के लिए प्रेरणा दी गई।

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स्कूल ऑफ़ एग्रीकल्चर साइंसेज की डीन प्रो. प्रियंका बनकोटी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आधुनिक कृषि क्षेत्र में उद्यमशील सोच की आवश्यकता पर बल दिया।

इनक्यूबेशन सैंटर एस जी आर आर यू के निदेशक प्रो. द्वारिका प्रसाद मैथानी ने अकादमिक ज्ञान को स्टार्टअप संस्कृति और व्यावहारिक क्रियान्वयन से जोड़ने की भूमिका को रेखांकित किया।

इस अवसर पर बूट कैंप्स प्रतिभागियों को विशेषज्ञों, स्टार्टअप मेंटर्स और प्रतिष्ठित शिक्षाविदों के साथ बातचीत करने का अवसर मिला।

साथ ही बूट कैंप में बी.एससी. एग्रीकल्चर और एम.एससी. एग्रीकल्चर के छात्रों व संकाय सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उन्होंने संवादात्मक सत्रों, चर्चाओं और उद्योग विशेषज्ञों के साथ नेटवर्किंग में सक्रिय भागीदारी निभाई।

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कार्यक्रम के अंत में वोट आफ थैंक्स डॉ हितेंद्र सिंह ने दिया।इस अवसर पर डीन स्टूडेंट वेल्फेयर प्रो. मालविका कांडपाल के साथ ही विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य और स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर साइंसेज के छात्रों ने प्रतिभाग किया।

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