Accident :- केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग, टला बड़ा हादसा

 रुद्रप्रयाग, 7 जून : उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बडासू के पास आज सुबह एक बड़ा हादसा होने से बाल-बाल बच गया,

जब क्रिस्टल एविएशन कंपनी के एक हेलीकॉप्टर को तकनीकी खराबी के कारण आपात स्थिति में सड़क पर लैंडिंग करानी पड़ी।

इस हेलीकॉप्टर में पायलट समेत कुल छह लोग सवार थे,हेलीकॉप्टर का( रूडर) पिछला हिस्सा गाड़ी टकराकर टूट गया से सौभाग्यवश सभी यात्री सुरक्षित हैं। इस घटना ने एक बार फिर केदारनाथ धाम की हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा और रखरखाव पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

वही  सवाल यह है कि इस प्रकार से चार धाम यात्रा में इस्तेमाल हो रहे हेलीकॉप्टरों के दुर्घटना होने की वजह पुराने हेलीकॉप्टर होना हो सकता है ?

जो की अपने कार्य क्षमता को पूरा करने के बाद आउटडेटेड हो गए हैं लेकिन हेली कंपनियां फिर भी इन्हें उड़ान भरा रही है और यात्रियों के जीवन को ज़ोख्म में डाल रही है! डीजीसीए को कठोर कदम उठाते हुए हेली कंपनियों के खिलाफ एक्शन भी लेना पड़ेगा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह हेलीकॉप्टर शेरसी हेलीपैड से केदारनाथ धाम की ओर तीर्थयात्रियों को लेकर उड़ान भर रहा था। सुबह करीब 7 बजे, उड़ान के दौरान हेलीकॉप्टर में अचानक तकनीकी खराबी उत्पन्न हुई।

सूत्रों के अनुसार हेलीकॉप्टर का रूडर (पिछला रोटर) खराब हो गया, जिसके कारण पायलट को हेलीपैड तक पहुंचने में असमर्थता हुई। ऐसी स्थिति में पायलट ने अपनी सूझबूझ और धैर्य का परिचय देते हुए।

हेलीकॉप्टर को केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बडासू के पास सड़क पर सुरक्षित उतार लिया। इस दौरान हेलीकॉप्टर का पिछला हिस्सा कार से टकराकर क्षतिग्रस्त हुआ, लेकिन सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी की सूचना मिलते ही पायलट ने तत्काल निर्णय लिया और सड़क पर आपात लैंडिंग कराई।

उन्होंने कहा, “पायलट की त्वरित निर्णय क्षमता और कुशलता के कारण एक बड़ा हादसा टल गया। सभी यात्री सुरक्षित हैं और उन्हें केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए भेज दिया गया है।”

प्रशासन की प्रतिक्रिया और जांच

घटना की सूचना मिलते ही रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं। हेलीकॉप्टर की तकनीकी खराबी की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है,

जो इस बात का पता लगाएगी कि यह खराबी कैसे और क्यों उत्पन्न हुई। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने कहा, “हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी की वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई।

हमारी प्राथमिकता यात्रियों की सुरक्षा थी, जो सुनिश्चित कर ली गई है। अब इस घटना की विस्तृत जांच की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।”

केदारनाथ में हेलीकॉप्टर हादसों का इतिहास

केदारनाथ धाम में हेलीकॉप्टर सेवाएं तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाजनक होने के साथ-साथ जोखिम भरी भी रही हैं। बीते कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में कई हेलीकॉप्टर हादसे और आपात लैंडिंग की घटनाएं सामने आई हैं।

उदाहरण के लिए, 24 मई 2024 को भी क्रिस्टल एविएशन के एक हेलीकॉप्टर को तकनीकी खराबी के कारण केदारनाथ हेलीपैड से 100 मीटर पहले आपात लैंडिंग करानी पड़ी थी।

उस घटना में भी पायलट की सूझबूझ से छह यात्रियों की जान बच गई थी। इसके अलावा, 18 अक्टूबर 2022 को गरुड़चट्टी के पास एक हेलीकॉप्टर क्रैश में पायलट समेत सात लोगों की मृत्यु हो गई थी, जिसका कारण घना कोहरा बताया गया था।

हाल ही में, 8 मई 2025 को उत्तरकाशी के गंगनानी में एक हेलीकॉप्टर क्रैश में पायलट समेत छह लोगों की जान चली गई थी। इन घटनाओं ने हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा और तकनीकी जांच की आवश्यकता को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है।

चारधाम यात्रा क्षेत्र की ऊंची पहाड़ियां, संकरी घाटियां, और बदलता मौसम हेलीकॉप्टर संचालन को अत्यंत चुनौतीपूर्ण बनाते हैं।

यात्रियों और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

हेलीकॉप्टर में सवार यात्रियों ने लैंडिंग के बाद राहत की सांस ली और पायलट की सराहना की। एक यात्री ने कहा, “हम बहुत डर गए थे जब हेलीकॉप्टर हवा में अस्थिर होने लगा।

लेकिन पायलट ने हमें आश्वस्त किया और सुरक्षित लैंडिंग कराई। यह बाबा केदार की कृपा और पायलट की सूझबूझ का परिणाम है कि हम सब सुरक्षित हैं।”

स्थानीय लोगों ने भी इस घटना को चमत्कार मानते हुए पायलट की तारीफ की। हालांकि, कई लोगों ने हेलीकॉप्टर सेवाओं के रखरखाव और नियमित जांच पर सवाल उठाए।

चारधाम यात्रा और हेलीकॉप्टर सेवाएं

केदारनाथ धाम में हर साल लाखों तीर्थयात्री दर्शन के लिए पहुंचते हैं, और हेलीकॉप्टर सेवाएं उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं जो पैदल यात्रा करने में असमर्थ हैं।

इस साल चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है। उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के अनुसार, इस वर्ष के पहले दस दिनों में केदारनाथ में 156% और यमुनोत्री में 127% अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं।

इस बढ़ती भीड़ के बीच हेलीकॉप्टर सेवाओं की मांग भी बढ़ी है, लेकिन लगातार हो रही आपात लैंडिंग और हादसों की घटनाएं प्रशासन के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं।

आगे की कार्रवाई

जिला प्रशासन ने हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों को निर्देश दिए हैं कि वे उड़ान से पहले हेलीकॉप्टरों की गहन तकनीकी जांच सुनिश्चित करें। साथ ही, मौसम की स्थिति पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया है।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को भी इस घटना की सूचना दी गई है, और उनकी ओर से भी हेलीकॉप्टर की तकनीकी खराबी की जांच की जाएगी।

यह घटना एक बार फिर इस बात की याद दिलाती है कि केदारनाथ जैसे उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर सेवाओं का संचालन न केवल तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण है,

 बल्कि इसमें यात्रियों की सुरक्षा के लिए कड़े नियमों और सतत निगरानी की आवश्यकता है। प्रशासन और हेलीकॉप्टर कंपनियों को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे ताकि तीर्थयात्रियों का विश्वास बना रहे और उनकी यात्रा सुरक्षित और सुगम हो सके।

 

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