विशुद्धि चक्र (कैरोटिड प्लेक्सस बनाम श्वसन प्रणाली)
देहरादून – विशुद्धि चक्र का स्थान कण्ठ है। इस चक्र पर ध्यान करने एवं इसके जागृत होने पर व्यक्ति कवि, महाज्ञानी, निरोग, शोकहीन और दीर्घजीवी हो जाता है।
थायरॉयड ग्रन्थि एवं फेफड़ों के रोग भी इस चक्र के जागृत होने पर नहीं होते। प्रारम्भ में विशुद्धि चक्र का वर्णन है, जिसके ‘क’ माग में प्रदर्शित संख्याओं से श्वास नलिका (1) दोनों फुफ्फुसों के आन्तरिक भाग (4) का सम्बन्ध है।