Headlines

DehradunNews:- कुण्डलिनी-जागरण के लक्षण एवं लाभ भाग दो

देहरादून – एक लाभ अत्यधिक महत्त्वपूर्ण यह भी है कि ऐसी यौगिक प्रक्रिया करनेवाले व्यक्ति को जीवन में कोई रोग नहीं हो सकता है तथा कैंसर, हृदयरोग,

मधुमेह, मोटापा, पेट के समस्त रोग, वात, पित्त एवं कफ की सभी विषमताएँ स्वतः समाप्त हो जाती हैं। व्यक्ति पूर्ण निरोग हो जाता है। आज के स्वार्थी व्यक्ति के लिए क्या यह कम उपलब्धि है कि बिना किसी दवा के सभी रोग मिटाये जा सकते हैं और

जिन्दगी भर निरोग, स्वस्थ, मनस्वी और तपस्वी बन सकता है।सामान्यतः एक व्यक्ति अपनी शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं आत्मिक शक्तियों का मात्र समभाग 5% ही उपयोग कर पाता है।

कुण्डलिनी शक्ति के जागृत होने से योगी की समस्त आन्तरिक शक्तियाँ एवं अन्तः प्रज्ञा जागृत हो जाती है और वह मानव से महामानव, पुरुष से युगपुरुष या महापुरुष बन जाता है। इससे सिद्ध योगी में ईश्वरीय शक्तियों का व्यापकता के साथ अवतरण होने लगता है।

विश्वशान्ति एवं जगत्‌कल्याण हेतु परमात्मा ऐसे योगी का चुनाव कर लेता है। ऐसा योगी परमात्मा का प्रतिरूप होकर जीता है, वह करोड़ों लोगों की आस्था का केन्द्र बन जाता है। वह धर्म, अध्यात्म, संस्कृति एवं ईश्वरीय सत्ता का जीवन्त स्वरूप होता है।

 

 

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *