देहरादून – तमिल नाडु के एक गरीब परिवार में पैदा हुए कबीलन वी के पिता ने बेटे की जैसे तैसे पढ़ाई करवाई। वहीं कुछ वर्ष पहले तमिलनाडु में आपदा के दौरान कबीलन ने इंडियन नेवी से रिटायरमेंट हुए अधिकारी की सस्था में वोट ऑपरेट का काम किया।
आपदा ग्रस्त तमिलनाडु में कबीलन ने वोट ऑपरेट करते हुए सैकड़ो लोगों के जीवन की रक्षा कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा।
कबीलन के पिता एक पैर से लाचार हैं और बैसाखी के सहारे चलते-फिरते है वही का कबीलन का एक छोटा भाई जो अपनी पढ़ाई पूरी कर रहा है।
इंडियन नेवी से रिटायरमेंट अधिकारी की संस्था में काम करते हुए ही कबीलन ने एनडीए की परीक्षा पास की और भारतीय सैन्य अकादमी में प्रवेश प्राप्त किया। दक्षिण भारतीय होने के नाते कबीलन को हिंदी नहीं आती हैं। मगर जोश और जज्बा बहुत हाई है।
कमीशन प्राप्त करने के बाद कबीलन अपने पिता और भाई के साथ खुशी मनाते हुए अपने पिता के गले लग गए थे तो उनका छोटा भाई अपनी स्वर्गवासी मां की फोटो को अपने साथ लेकर आया हुआ था।
सेना में लेफ्टिनेंट बने के बाद जब वह अपने भाई से मिला तो भाई ने अपनी मां की फोटो को कबीलन केे हाथों में दी, भावुक होकर लेफ्टिनेंट कबीलन वी ने अपनी मां का आशीर्वाद लिया और अपनी स्वर्गवासी मां की फोटो और पिता व भाई के साथ फोटोग्राफर्स खिंचवाई।